भारत में प्रागैतिहासिक हाथ की कुल्हाड़ी 1863 में ब्रिटिश भूविज्ञानी ब्रूस फूट द्वारा चेन्नई (जिसे पहले मद्रास कहा जाता था) के पास अत्तिरमपक्कम में खोजी गई थी। इस खोज ने भारतीय उपमहाद्वीप में पत्थर युग के दौरान मानव बस्तियों और संस्कृतियों के अस्तित्व का प्रमाण प्रदान किया। अत्तिरमपक्कम भारत के सबसे समृद्ध पुरापाषाण स्थलों में से एक है जहां अच्यूलियन से माइक्रोलिथिक तक की संस्कृतियों का विस्तार है। यहां क्वार्ट्जाइट से बनी कई हाथ की कुल्हाड़ियाँ मिली हैं जो उन्नत उपकरण निर्माण कौशल का संकेत देती हैं।
This Question is Also Available in:
English