1221 ई. में चंगेज़ ख़ान ने जलाल-उद-दीन मंगबरनी का पीछा करते हुए भारत को धमकी दी। इल्तुतमिश ने कूटनीति अपनाई और जलाल-उद-दीन को शरण देने से इनकार कर दिया, जिससे मंगोल आक्रमण टल गया और दिल्ली सल्तनत सुरक्षित रही। उनकी रणनीतिक गठबंधन और किलेबंदी ने भी साम्राज्य की रक्षा की।
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