गैस्ट्रिक जूस के अम्लीय माध्यम और एंजाइम पेप्सिन की मदद से प्रोटीन छोटे भागों में टूटकर पेप्टोन्स में बदल जाते हैं। पेप्सिन प्रोटीन पाचन में मुख्य भूमिका निभाता है। यह प्रोटीन को छोटे पेप्टाइड्स और अमीनो एसिड्स में तोड़ता है, जिससे वे छोटी आंत में आसानी से अवशोषित हो सकें।
गैस्ट्रिक जूस में हाइड्रोक्लोरिक एसिड होता है, जो pH को 1.5 से 2.5 के बीच बनाए रखता है। यह अत्यधिक अम्लीय pH पेप्सिन की सक्रियता के लिए आवश्यक होता है। हाइड्रोक्लोरिक एसिड निष्क्रिय एंजाइम (जाइमोजेन्स) को सक्रिय एंजाइम में बदलने में मदद करता है।
पेट की गैस्ट्रिक ग्रंथियां एंजाइम पेप्सिन का स्राव करती हैं। जब पेप्सिनोजन पेट में निकलकर गैस्ट्रिक जूस के संपर्क में आता है, तो यह पेप्सिन में परिवर्तित हो जाता है।
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