कोणार्क सूर्य मंदिर पूर्वी ओडिशा में पवित्र शहर पुरी के पास स्थित है। इसे 13वीं शताब्दी (1238-1264 ई.) में राजा नरसिंहदेव प्रथम ने बनवाया था। यह गंगा वंश की भव्यता, वास्तुकला, शक्ति और स्थायित्व के साथ उस समय के ऐतिहासिक परिवेश को दर्शाता है। यह मंदिर विशाल रथ के आकार में निर्मित है और सूर्य देव को समर्पित है। इस दृष्टि से यह ब्राह्मणवाद और तांत्रिक विश्वास प्रणालियों से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है। कोणार्क के मंदिर न केवल अपनी स्थापत्य भव्यता के लिए प्रसिद्ध हैं बल्कि मूर्तिकला की गहराई और उत्कृष्टता के लिए भी जाने जाते हैं। यह कलिंग वास्तुकला की सर्वोच्च उपलब्धि है जो सौंदर्य, आनंद और जीवन की लय को दर्शाती है।
This Question is Also Available in:
English