केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान या केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान में स्थित एक प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्य है। इसे पहले भरतपुर पक्षी अभयारण्य के नाम से जाना जाता था। इसमें हजारों दुर्लभ और विलुप्तप्राय पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जैसे साइबेरिया से आने वाले सारस, जो सर्दियों में यहाँ आते हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान में 230 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ अपना निवास बना चुकी हैं। अब यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल और केंद्र बन चुका है, जहाँ सर्दियों में बड़ी संख्या में पक्षी वैज्ञानिक आते हैं। इसे 1971 में संरक्षित पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया और 1985 में 'विश्व धरोहर' का दर्जा भी मिला।
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