2 अगस्त 2025 को उत्तर प्रदेश सरकार ने आवारा पशुओं के गोबर से इको-फ्रेंडली उत्पाद बनाने की पहल शुरू की। राज्य में प्रतिदिन लगभग 54 लाख किलोग्राम गोबर उत्पन्न होता है। इससे बायोप्लास्टिक, बायोपॉलिमर, बायोटेक्सटाइल, कागज, जैविक कपड़े, कम्पोस्ट, बायोगैस और नैनोसेलुलोज जैसे उत्पाद बनेंगे। यह पहल 'हर गांव ऊर्जा केंद्र' मॉडल को बढ़ावा देती है और ग्रामीण विकास, रोजगार व जैविक खेती को भी प्रोत्साहित करती है।
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