कलारीपयट्टु केरल की पारंपरिक मार्शल आर्ट है, जिसे केरल कराटे भी कहा जाता है। इसका प्रभाव केरल की कई कला शैलियों में देखा जा सकता है। प्राचीन समय में कलारी (युद्धस्थल) जीवन का अभिन्न हिस्सा था। बचपन में बिना किसी भेदभाव के लड़के और लड़कियों को कलारी में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता था। इसमें कई तकनीकें होती हैं, जैसे मेपयट्टु (शारीरिक व्यायाम), वडिपयट्टु (डंडों से लड़ाई), वलापयट्टु (तलवारों से लड़ाई) और वर्मा काई प्रयोग (हथियार रहित युद्ध)। कलारी चिकित्सा पद्धति का भी एक हिस्सा है। कलारीपयट्टु में व्यायाम का पहला चरण तेल मालिश से शुरू होता है, जो प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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