एवोगाड्रो के सिद्धांत के अनुसार, समान तापमान और दाब पर गैसों के समान आयतन में अणुओं की संख्या समान होती है। यह सिद्धांत रसायन विज्ञान का एक महत्वपूर्ण आधार है और इसी से मोल की अवधारणा विकसित हुई, जिसे (6.022 × 10^{23}) कणों (एवोगाड्रो संख्या) के रूप में परिभाषित किया गया है। इसका अर्थ है कि गैस का प्रकार चाहे जो भी हो, यदि आयतन, तापमान और दाब समान हैं तो अणुओं की संख्या भी समान होगी।
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