सतीश चंद्र सामंत तामलुक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने और दशकों तक सक्रिय कांग्रेस सदस्य रहे। वे अपनी नेतृत्व क्षमता और रचनात्मक कार्यों के लिए जाने जाते थे। उनकी नेतृत्व क्षमता भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान तामलुक में समानांतर सरकार 'तम्रलिप्त जातीय सरकार' के गठन में स्पष्ट रूप से देखी गई।
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