संपत्ति का अधिकार, जिसे संपत्ति की सुरक्षा का अधिकार भी कहा जाता है, एक मानव अधिकार है और इसे निजी संपत्ति रखने के अधिकार के रूप में समझा जाता है। संविधान में मूल रूप से अनुच्छेद 19 और 31 के तहत संपत्ति के अधिकार का प्रावधान था। अनुच्छेद 19 सभी नागरिकों को संपत्ति प्राप्त करने, रखने और उसका निपटान करने का अधिकार देता था। अनुच्छेद 31 में कहा गया था कि किसी भी व्यक्ति को कानून के प्राधिकरण के बिना उसकी संपत्ति से वंचित नहीं किया जाएगा। इसमें यह भी प्रावधान था कि यदि किसी व्यक्ति की संपत्ति सार्वजनिक उद्देश्य के लिए ली जाती है तो उसे मुआवजा दिया जाएगा। संपत्ति के अधिकार से संबंधित प्रावधानों में कई बार बदलाव किए गए। 1978 के 44वें संशोधन द्वारा इसे मौलिक अधिकारों की सूची से हटा दिया गया। अब संपत्ति का अधिकार एक कानूनी अधिकार है।
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