ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर के कोल प्लांट ट्रैकर पर आधारित कार्बन ब्रीफ के विश्लेषण में बताया गया कि 2025 की शुरुआत में चीन और भारत ने मिलकर दुनिया की लगभग 88% नई कोयला बिजली क्षमता का प्रस्ताव रखा। चीन ने 74.7 गीगावाट और भारत ने 12.8 गीगावाट का प्रस्ताव दिया, जबकि बाकी दुनिया ने मिलकर केवल 11 गीगावाट का प्रस्ताव रखा। दोनों देश सौर और पवन ऊर्जा भी तेजी से बढ़ा रहे हैं, लेकिन कोयला उनकी ऊर्जा सुरक्षा और औद्योगिक मांग के लिए अभी भी अहम है, जिससे अंतरराष्ट्रीय जलवायु लक्ष्यों को चुनौती मिलती है।
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