Q. कन्हार मिट्टी का रंग काला किस कारण होता है?
Answer:
टाइटेनिफेरस मैग्नेटाइट
Notes: कन्हार मिट्टी का रंग काला टाइटेनिफेरस मैग्नेटाइट के कारण होता है| भारत की स्थानीय मिट्टी में से काली मिट्टी सबसे अलग दिखाई देती है, इसे रेगुर भी कहा जाता है| इसमें नाइट्रोजन, पोटास, ह्यूमस की कमी होती है| इसे काली कपास मिट्टी भी कहा जाता हैं, क्योंकि इसमे कपास की खेती ज्यादा होती है| काली मिट्टी में मैग्नीशियम, चूना, लौह तत्व तथा कार्बनिक पदार्थों की अधिकता होती है| काली मिट्टी को लावा मिट्टी भी कहते हैं क्योंकि यह दक्कन ट्रैप के लावा चट्टानों की अपक्षय अर्थात टूटने फूटने से निर्मित हुई मिट्टी है। दक्कन पठार के अलावा काली मिट्टी मालवा पठार की भी विशेषता है अर्थात मालवा पठार पर भी काली मिट्टी पाई जाती है। काली मिट्टी की प्रमुख विशेषता यह है कि उसमें जल धारण करने की सर्वाधिक क्षमता होती है काली मिट्टी बहुत जल्दी चिपचिपी हो जाती है तथा सूखने पर इस में दरारें पड़ जाती हैं इसी गुण के कारण काली मिट्टी को स्वत जुताई वाली मिट्टी कहा जाता है।