हाल ही में राजस्थान वन विभाग ने नाहरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य (NWS) की सीमाओं में बदलाव किया, जिससे अभयारण्य और इसकी ईको सेंसिटिव ज़ोन (ESZ) में लग्ज़री होटल और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को लाभ हुआ। यह प्रस्ताव नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ (NBWL) की मंजूरी के बिना भेजा गया, जो वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 की धारा 26A का उल्लंघन है। नाहरगढ़ अभयारण्य राजस्थान में स्थित है और इसका नाम 18वीं सदी में बने नाहरगढ़ किले के नाम पर रखा गया है, जिसे जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने बनवाया था।
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