ज़ार राजाओं में ईश्वरीय अधिकार की मान्यता थी। ज़ार निकोलस द्वितीय का शासन पूरी तरह से निरंकुश था। लोगों की कई शिकायतें थीं। इसी दौरान सेंट पीटर्सबर्ग के श्रमिक हड़ताल पर चले गए। हड़ताली श्रमिक अपनी समस्याओं के समाधान के लिए याचिका प्रस्तुत करने ज़ार के महल की ओर जुलूस निकालकर बढ़े। उनका नेतृत्व फादर गैपोन कर रहे थे। जब वे ज़ार के महल पहुंचे तो सुरक्षा बलों ने निहत्थी भीड़ पर गोली चला दी। यह घटना 22 जनवरी 1905 को रविवार के दिन हुई थी, इसलिए इसे "ब्लडी संडे" कहा जाता है। इसे 1905 की क्रांति के रूप में भी जाना जाता है। यह घटना 1917 की अक्टूबर क्रांति की भूमिका साबित हुई।
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