1 नवंबर 1858 को इलाहाबाद में एक भव्य दरबार आयोजित किया गया। लॉर्ड कैनिंग ने शाही उद्घोषणा जारी की, जिसमें घोषणा की गई कि रानी ने भारत का शासन अपने हाथ में ले लिया है। इस उद्घोषणा में भारत में ब्रिटिश शासन की भविष्य की नीति घोषित की गई। इस दस्तावेज़ को "भारत के लोगों का मैग्ना कार्टा" कहा गया और इसमें न्याय व धार्मिक सहिष्णुता के सिद्धांतों को रानी के शासन की मार्गदर्शक नीति के रूप में प्रस्तुत किया गया। इस दस्तावेज़ में सभी को आम माफी दी गई, सिवाय उन लोगों के जिन्होंने ब्रिटिश नागरिकों की हत्या में सीधा भाग लिया था। 8 जुलाई 1859 को पूरे भारत में शांति की घोषणा की गई। ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाएँ समाप्त कर दी गईं और भारत की सैन्य टुकड़ियों को ब्रिटिश सेना का अभिन्न हिस्सा बना दिया गया।
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