हालेबिड और बेलूर में
होयसला वंश के शासन में ग्यारहवीं से चौदहवीं शताब्दी के बीच भारत के आधुनिक कर्नाटक में वास्तुकला का विकास हुआ। दक्षिणी दक्कन का पठार होयसला राजाओं के अधीन था और उनके अधिकतर स्थापत्य नमूने वहीं पाए जाते हैं। होयसला मंदिर निर्माण में निपुण थे और इस काल के प्रमुख मंदिरों में हालेबिड का होयसलेश्वर मंदिर, बेलूर का चन्नकेशव मंदिर और सोमनाथपुर का केशव मंदिर शामिल हैं। होयसला साम्राज्य की वास्तुकला पर वैष्णव और वीरशैव दार्शनिकों द्वारा प्रचारित धार्मिक प्रवृत्तियों का प्रभाव था।
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