व्यक्ति की अवैध हिरासत से मुक्ति पाने के लिए
हेबियस कॉर्पस का शाब्दिक अर्थ है 'शरीर को प्रस्तुत करना'। इस रिट के माध्यम से न्यायालय किसी भी व्यक्ति को, जिसे अवैध रूप से हिरासत में लिया गया हो या कैद किया गया हो, न्यायालय के समक्ष पेश करने का आदेश दे सकता है। इसके बाद न्यायालय उसकी हिरासत के कारणों की जांच करता है और यदि कोई कानूनी आधार नहीं मिलता तो उसे रिहा करने का आदेश दिया जाता है। यह रिट निम्नलिखित परिस्थितियों में जारी की जा सकती है:
इस प्रकार, हेबियस कॉर्पस रिट को मनमानी हिरासत के खिलाफ व्यक्ति की स्वतंत्रता का रक्षक माना जाता है। सामान्यतः याचिका वही व्यक्ति दायर करता है जिसका अधिकार प्रभावित हुआ हो, लेकिन हेबियस कॉर्पस एक अपवाद है और कोई भी व्यक्ति बंदी की ओर से याचिका दायर कर सकता है। यह रिट निवारक हिरासत (प्रिवेंटिव डिटेंशन) पर भी लागू होती है और इसे न केवल सार्वजनिक अधिकारियों बल्कि व्यक्तियों के खिलाफ भी जारी किया जा सकता है।
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