मध्य प्रदेश ने आधिकारिक रूप से रतापानी वन्यजीव अभयारण्य को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में रतापानी टाइगर रिजर्व घोषित किया। रतापानी अब राज्य का आठवां टाइगर रिजर्व है, जहां लगभग 90 बाघ हैं। यह रायसेन और सीहोर जिलों में फैला हुआ है और सतपुड़ा श्रृंखला से जुड़ा एक महत्वपूर्ण बाघ आवास है। अतिक्रमण और शिकार की कमी के कारण बाघ-मानव संघर्ष बढ़ा, जिससे संरक्षण की आवश्यकता बढ़ी। 2008 में NTCA की मंजूरी के बावजूद घोषणा में देरी के कारण एक वन्यजीव कार्यकर्ता ने जनहित याचिका दायर की। कोयला संयंत्र और रेलवे लाइनों जैसी परियोजनाएं रिजर्व की पारिस्थितिकी को खतरा पहुंचा रही हैं, जिससे इसकी जैव विविधता को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
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