कुंभकोणम पान का पत्ता जिसे "कुंभकोणम वेट्टिलै" भी कहा जाता है, हाल ही में भारत सरकार से भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्राप्त हुआ है। यह मुख्य रूप से तमिलनाडु के तंजावुर जिले में कावेरी नदी के उपजाऊ मैदानों में उगाया जाता है जिससे इसे खास स्वाद और सुगंध मिलती है। इसके पत्ते गहरे से हल्के हरे रंग के होते हैं, दिल के आकार के होते हैं और इनमें तीखा स्वाद होता है। इसे कुंभकोणम और आसपास के गांवों जैसे अय्यमपेट्टई, स्वामीमलाई और राजगिरी में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। यह पत्ता दक्षिण एशियाई घरों में रोज़मर्रा की चीज़ है और इसे भोजन के बाद खाए जाने वाले पान में इस्तेमाल किया जाता है। कुंभकोणम पान का पत्ता दूसरे देशों में भी निर्यात किया जाता है जिससे इसकी सांस्कृतिक और आर्थिक अहमियत बढ़ती है।
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