भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने वर्ल्ड मोन्यूमेंट्स फंड इंडिया (WMFI) और टीसीएस फाउंडेशन के साथ मिलकर हाल ही में राजों की बावली का संरक्षण कार्य पूरा किया है। राजों की बावली, जिसे राजों की बैन भी कहा जाता है, 16वीं सदी की सीढ़ीदार बावली है जो दक्षिण दिल्ली के महरौली पुरातात्विक उद्यान में स्थित है। इसे 1506 ईस्वी में दौलत खान ने सिकंदर लोदी के शासनकाल में बनवाया था। यह बावली लोदी काल की वास्तुकला और पारंपरिक जल संरक्षण तकनीकों का उदाहरण है। यह पानी के स्रोत और गर्मियों में विश्राम स्थल के रूप में काम आती थी और मुख्य रूप से राजमिस्त्रियों द्वारा पीने और खाना पकाने के लिए उपयोग की जाती थी।
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