हाल ही में चाड, जिबूती, इथियोपिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान और सूडान ने विसरल लीशमैनियासिस यानी कालाजार को खत्म करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह कार्यक्रम जिनेवा में आयोजित 78वीं विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान हुआ, जिसकी मेज़बानी अफ्रीकी संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने की थी। कालाजार एक उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग है जो प्रोटोजोआ परजीवी के कारण होता है। इलाज न होने पर यह जानलेवा हो सकता है और इसके लक्षणों में बुखार, थकान, वजन कम होना और तिल्ली व यकृत का बढ़ना शामिल हैं। दवा नवाचार संगठन DNDi के अनुसार, दुनिया भर में 70% से अधिक कालाजार के मामले पूर्वी अफ्रीका में होते हैं और इनमें से आधे से ज्यादा रोगी 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे होते हैं। यह समझौता अधिक निवेश और बेहतर रणनीतियों को बढ़ावा देता है ताकि कालाजार को खत्म किया जा सके और सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
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