मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बांग्ला
भारत के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बांग्ला को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मंजूरी दी है। यह मान्यता भाषाविदों की विशेषज्ञ समिति द्वारा निर्धारित मानदंडों पर आधारित है। भाषा में गद्य सहित ज्ञानवर्धक ग्रंथ, कविता और शिलालेखीय प्रमाण भी होने चाहिए। अन्य मान्यता प्राप्त शास्त्रीय भाषाएं हैं तमिल (2004), संस्कृत (2005), तेलुगु (2008), कन्नड़ (2008), मलयालम (2013), और उड़िया (2014)।
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