हाइपरमेट्रोपिक आंख में नजदीकी बिंदु सामान्य 25 सेमी के मुकाबले अधिक दूर खिसक जाता है। इस स्थिति में प्रकाश पर्याप्त रूप से नहीं मुड़ता, जिससे फोकस रेटिना के पीछे बनता है। व्यक्ति दूर की चीजें साफ देख सकता है, लेकिन पास की चीजें देखने में परेशानी और आंखों पर जोर पड़ता है। इसलिए हाइपरमेट्रोपिक व्यक्ति को दूर दृष्टि वाला कहा जाता है। इस समस्या को ठीक करने के लिए उत्तल लेंस (प्लस लेंस) का उपयोग किया जाता है, जिससे छवि रेटिना पर सही रूप से बनने लगती है।
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