पंचायती राज मंत्रालय
स्वामित्व योजना, जिसका पूरा नाम 'गांवों का सर्वेक्षण और गांव क्षेत्रों में उन्नत तकनीक से मानचित्रण' है, हाल ही में 5 वर्ष पूरे कर चुकी है। इसे 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर पंचायती राज मंत्रालय द्वारा एक केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में शुरू किया गया था। यह योजना गांवों में घरों और भूमि के लिए कानूनी स्वामित्व पत्र प्रदान करने के लिए ड्रोन और मानचित्रण तकनीक का उपयोग करती है। इससे ग्रामीणों को ऋण प्राप्त करने, संपत्ति विवादों को सुलझाने और स्थानीय योजना में सुधार करने में मदद मिलती है। इसे भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र सेवा निगम (NICSI) के साथ प्रौद्योगिकी भागीदार के रूप में कार्यान्वित किया जा रहा है। इस योजना का कुल बजट वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक ₹566.23 करोड़ है, जिसे अब 2025-26 तक बढ़ा दिया गया है।
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