आधुनिक स्टीरियोफोनिक तकनीक का आविष्कार 1930 के दशक में ब्रिटिश इंजीनियर एलन ब्लमलाइन ने लंदन में इलेक्ट्रिक और म्यूज़िकल इंडस्ट्रीज़ (EMI म्यूज़िक) में किया था। उन्होंने इसे "बाइनॉरल साउंड" कहा, जिसे अब स्टीरियोफोनिक साउंड या संक्षेप में "स्टीरियो" के रूप में जाना जाता है। ब्लमलाइन ने स्टीरियो रिकॉर्ड, स्टीरियो फिल्में और सराउंड साउंड का पेटेंट भी कराया था।
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