तैमूर के आक्रमण और तुगलक वंश के पतन के बाद खिज्र खान ने 1414 से 1421 ईस्वी तक सैय्यद वंश की स्थापना कर शासन किया। अमीर तैमूर के भय से उन्होंने कोई शाही उपाधि नहीं ली और खुद को रायत-ए-आला (उच्च ध्वज) और मस्नद-ए-आली (उच्चतम पद) की उपाधियों से संबोधित किया। उनके शासनकाल में सिक्के अमीर तैमूर के नाम पर ढाले गए। फिरोज शाह तुगलक के शासन में खिज्र खान मुल्तान के गवर्नर थे।
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