हाल ही में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने ऑपरेशन चक्र-वी के तहत एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध सिंडिकेट के कथित सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस अभियान का उद्देश्य संगठित ट्रांसनेशनल साइबर अपराध और डिजिटल गिरफ्तारी जैसे घोटालों पर रोक लगाना है। डिजिटल गिरफ्तारी एक धोखाधड़ी है जिसमें अपराधी खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं और गिरफ्तारी, बैंक खाता फ्रीज या पासपोर्ट रद्द करने की धमकी देकर पैसे वसूलते हैं। भारत में साइबर अपराध से निपटने के लिए इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C), साइबर सुरक्षित भारत, साइबर स्वच्छता केंद्र और इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) जैसे संस्थान बनाए गए हैं। ये सभी मिलकर नागरिकों की सुरक्षा और देश की साइबर सुरक्षा को मजबूत करने का काम करते हैं।
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