मारियांगेला हंग्रिया
हाल ही में ब्राज़ील की माइक्रोबायोलॉजिस्ट मारियांगेला हंग्रिया को 2025 का वर्ल्ड फूड प्राइज़ दिया गया है। उन्होंने बीज और मिट्टी के उपचार के लिए लाभकारी बैक्टीरिया जैसे राइजोबिया और एजोस्पिरिलम ब्रासिलेन्स का उपयोग किया। इन तकनीकों से सोयाबीन प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन प्राप्त करता है और मक्का जैसी फसलों की जड़ें बेहतर तरीके से बढ़ती हैं जिससे पोषक तत्व और पानी अधिक प्रभावी ढंग से मिलते हैं। वर्ल्ड फूड प्राइज़ खाद्य गुणवत्ता, मात्रा या उपलब्धता में सुधार लाने वाले लोगों को दिया जाने वाला शीर्ष अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है। इसकी शुरुआत 1986 में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डॉ. नॉर्मन ई. बोरलॉग ने की थी। इसे अक्सर खाद्य और कृषि क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार कहा जाता है। इसमें 500,000 डॉलर की पुरस्कार राशि होती है और यह अक्टूबर में प्रदान किया जाता है।
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