आर्द्र पर्णपाती वन
भारत में ऊतक संवर्धित सागवान को उच्च उपज और तेजी से लाभ प्राप्त करने के समाधान के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे इसकी आर्थिक और पारिस्थितिकीय प्रभाव पर चर्चाएं हो रही हैं। सागवान (Tectona grandis) अपनी मजबूती, टिकाऊपन और कीट व जल प्रतिरोध के लिए प्रसिद्ध है, जिससे इसे "लकड़ियों का राजा" कहा जाता है। यह जहाज निर्माण, फर्नीचर और फर्श के लिए एक मूल्यवान उष्णकटिबंधीय कठोर लकड़ी है। भारत के पास विश्व के 35% सागवान के वनों का हिस्सा है, जबकि एशिया वैश्विक सागवान संसाधनों का 95% से अधिक योगदान देता है। FAO ग्लोबल सागवान संसाधन और बाजार आकलन 2022 के अनुसार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में देशी सागवान वनों का सबसे बड़ा क्षेत्र है। सागवान दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया का मूल निवासी है और मुख्य रूप से आर्द्र पर्णपाती वनों में उगता है।
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