सत्यशोधक समाज एक सामाजिक सुधार संस्था थी जिसकी स्थापना ज्योतिराव फुले ने 24 सितंबर 1873 को पुणे में की थी। इसका उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों को शोषण और अत्याचार से मुक्त कराना था। यह संस्था मानव कल्याण, सुख, एकता, समानता और सरल धार्मिक सिद्धांतों व रीति-रिवाजों के आदर्शों पर आधारित थी।
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