संस्कृत वर्णमाला, जिसे देवनागरी लिपि कहा जाता है, में 54 अक्षर होते हैं। इन अक्षरों में से प्रत्येक का एक पुरुष और एक स्त्री रूप होता है, जिन्हें क्रमशः शिव और शक्ति कहा जाता है। संस्कृत वर्णमाला की यह विशेषता हिंदू दर्शन में पुरुष और स्त्री ऊर्जा के मौलिक सिद्धांतों को दर्शाती है, जिन्हें पूरक और परस्पर जुड़े हुए माना जाता है, जो हिंदू परंपराओं में जीवन चक्र और ब्रह्मांड विज्ञान के मूल में हैं।
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