वी डी सावरकर की पुस्तक "द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस -1857" 1857 के विद्रोह पर आधारित थी और ब्रिटिश सरकार को इतनी आपत्तिजनक लगी कि उन्होंने इसके मराठी और अंग्रेज़ी दोनों संस्करणों पर प्रतिबंध लगा दिया। प्रकाशन के छह महीने के भीतर सभी प्रतियां जब्त कर ली गईं और यह किताब स्वतंत्रता तक प्रतिबंधित रही। सावरकर ने इसे लंदन में रहते हुए लिखा था। इसे गुप्त रूप से नीदरलैंड में छापा गया और फिर भारत भेजा गया, जहां यह राष्ट्रवादियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई।
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