वावेल योजना के प्रावधानों पर चर्चा के लिए ब्रिटिश सरकार की ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला में 21 भारतीय राजनीतिक नेताओं का सम्मेलन बुलाया गया था। इसमें मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भी शामिल थे, जो उस समय कांग्रेस के अध्यक्ष थे। मोहम्मद अली जिन्ना भी इस सम्मेलन में पहुंचे। जिन्ना ने कहा कि कार्यकारी परिषद में किसी गैर-मुस्लिम लीगी मुस्लिम को प्रतिनिधित्व नहीं मिलना चाहिए क्योंकि भारत के मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार केवल मुस्लिम लीग को है। उन्होंने यह भी मांग की कि सभी मुस्लिम प्रतिनिधि मुस्लिम लीग से हों। इसी कारण कांग्रेस को कार्यकारी परिषद में किसी मुस्लिम को नामित करने का अधिकार नहीं दिया गया। यही वावेल योजना की असफलता का मुख्य कारण बना।
This Question is Also Available in:
English