यह घराना अवध के नवाब वाजिद अली शाह के दरबार में विकसित हुआ। आगरा शैली के कथक नृत्य में सौंदर्य और स्वाभाविक संतुलन होता है। इसमें अभिनय के साथ कलात्मक बंदिशें, ठुमरी जैसी अभिव्यक्तिपूर्ण शैलियां और होरी जैसी आत्मीय विधाएं भी शामिल हैं। वर्तमान में आच्छन महाराज जी के पुत्र पंडित बिरजू महाराज इस घराने के प्रमुख प्रतिनिधि माने जाते हैं।
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