पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार वह गुरुत्वाकर्षण बल है जो पृथ्वी उस पर लगाती है। इसके अलावा, पृथ्वी के घूर्णन के कारण एक अपकेन्द्रीय बल भी वस्तु पर कार्य करता है, जो उसे पृथ्वी के केंद्र से दूर धकेलने की कोशिश करता है। यह बल भूमध्य रेखा पर अधिकतम होता है, क्योंकि वहां घूर्णन की गति सबसे अधिक होती है। गुरुत्वाकर्षण बल और अपकेन्द्रीय बल के बीच संतुलन बना रहता है। जब पृथ्वी के घूर्णन की गति बढ़ती है, तो भूमध्य रेखा पर स्थित वस्तु पर अपकेन्द्रीय बल का प्रभाव अधिक पड़ता है, जिससे उसका भार कम प्रतीत होता है। अनुमान लगाया गया है कि यदि पृथ्वी वर्तमान की तुलना में 17 गुना तेज घूमे तो भूमध्य रेखा पर किसी वस्तु का भार शून्य हो जाएगा। हालांकि, ध्रुवों पर किसी वस्तु के भार में कोई परिवर्तन नहीं होगा, क्योंकि वहां घूर्णन गति के बढ़ने या घटने से अपकेन्द्रीय बल में कोई बदलाव नहीं आता।
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