मोपला विद्रोह या मालाबार विद्रोह 1921 में केरल में खिलाफत आंदोलन का विस्तार था। सरकार ने कांग्रेस और खिलाफत सभाओं को अवैध घोषित कर दिया था, जिससे मलाबार के एरणाड और वल्लुवनाड तालुकों में ब्रिटिश दमन के खिलाफ प्रतिक्रिया शुरू हुई।
हालांकि खिलाफत सभा ने मुस्लिम किसानों, जिन्हें मोपला कहा जाता था, में इतना सांप्रदायिक उन्माद भर दिया कि यह जुलाई 1921 से हिंदू विरोधी आंदोलन में बदल गया। हिंसा शुरू हुई और मोपलाओं ने पुलिस थानों पर हमला कर उन्हें अपने नियंत्रण में ले लिया। उन्होंने अदालतों और सरकारी खजानों पर भी कब्जा कर लिया। यह सांप्रदायिक दंगे में तब बदल गया जब कुदियान या किरायेदार मोपलाओं ने अपने हिंदू जमींदारों पर हमला कर कई को मार डाला। इस तरह हिंदू जमींदार मोपलाओं की हिंसा के शिकार बने।
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