ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों को कम करने के लिए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल बनाया गया था। इसका उद्देश्य इन पदार्थों के उत्पादन और उपयोग को घटाकर वातावरण में उनकी मात्रा कम करना और पृथ्वी की नाजुक ओजोन परत की रक्षा करना था। मूल मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल 16 सितंबर 1987 को स्वीकृत हुआ और 1 जनवरी 1989 से लागू हुआ। 1995 में संयुक्त राष्ट्र ने 16 सितंबर को ओजोन परत संरक्षण के अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया, जिसे विश्व ओजोन दिवस के नाम से भी जाना जाता है।
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