शोधकर्ताओं ने हाल ही में पाया कि मैग्नेटार की चमक से सोने जैसे भारी तत्व बन सकते हैं। यह प्रक्रिया रैपिड न्यूट्रॉन-कैप्चर या आर-प्रोसेस न्यूक्लियोसिंथेसिस कहलाती है। मैग्नेटार एक विशेष प्रकार का न्यूरॉन तारा होता है जिसमें सामान्य न्यूरॉन तारों की तुलना में लगभग 1000 गुना अधिक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र होता है। ये तारे कभी-कभी अत्यधिक ऊर्जा की चमक छोड़ते हैं। ऐसी ही एक विशाल चमक 2004 में हुई थी जिससे वैज्ञानिकों को यह खोज करने में मदद मिली। इस चमक को नासा के कॉम्पटन गामा रे ऑब्जर्वेटरी ने देखा जिसने लगभग एक दिन बाद असामान्य गामा किरण संकेत रिकॉर्ड किए। ये संकेत सामान्य आफ्टरग्लो से मेल नहीं खाते थे बल्कि न्यूट्रॉन-समृद्ध तत्वों के रेडियोधर्मी क्षय के संकेत दे रहे थे। इससे यह सिद्ध होता है कि आर-प्रोसेस न्यूक्लियोसिंथेसिस, जिसे पहले केवल न्यूरॉन तारों के टकराव से जोड़ा जाता था, वह मैग्नेटार की चमक में भी हो सकता है। यह नया प्रमाण यह समझ बदलता है कि ब्रह्मांड में सोने जैसे दुर्लभ तत्व कहां से आ सकते हैं।
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