मुदीयेट्टू केरल का पारंपरिक नृत्य नाटक है, जो काली देवी और दारिका नामक राक्षस के बीच पौराणिक युद्ध की कहानी पर आधारित है। यह सामुदायिक परंपरा है जिसमें पूरा गांव भाग लेता है। गर्मियों में फसल कटाई के बाद तय दिन सुबह-सुबह ग्रामीण मंदिर पहुंचते हैं। मुदीयेट्टू कलाकार उपवास और प्रार्थना से स्वयं को शुद्ध करते हैं और फिर मंदिर के फर्श पर रंगीन पाउडर से देवी काली की विशाल छवि 'कलम' बनाते हैं, जिससे देवी की दिव्य उपस्थिति प्रेरित होती है।
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