नवरोज़, जो ईरानी नववर्ष है, मुग़लों ने पारसी समुदाय से अपनाया। यह अकबरनामा और तुज़क-ए-जहाँगीरी में दर्ज है। अकबर ने इसे सौर कैलेंडर के साथ मेल खाने के लिए मनाया, जिसमें दावतें, उपहार और सार्वजनिक समारोह शामिल थे। उन्होंने इस त्योहार के माध्यम से धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया, जो फारसी सांस्कृतिक प्रभाव को दर्शाता है और मुग़ल शासन को वैध बनाता है।
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