"मनसब" शब्द का शाब्दिक अर्थ है "पद और वेतन की आधिकारिक नियुक्ति"। अकबर के प्रत्येक महत्वपूर्ण अधिकारी को मनसब या शाही पद प्राप्त था, जो उसके अधीन घुड़सवारों की संख्या के आधार पर निर्धारित होता था। इसलिए यह एक सैन्य पद भी था। मनसबदारों को जात और सवार के रूप में वेतन दिया जाता था। जात एक निश्चित व्यक्तिगत वेतन था, जबकि सवार का भुगतान उनके पद या अधीनस्थ घुड़सवारों की संख्या के अनुसार किया जाता था।
अकबर ने अधिकारियों को कुल 33 श्रेणियों में विभाजित किया, जिनकी मनसब 10 से 10,000 तक थी। इन्हें मुख्य रूप से तीन वर्गों में बांटा गया था:
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