२३ जून २०२५ को त्रिपुरा को आधिकारिक रूप से भारत का तीसरा पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया। यह उपलब्धि राज्य के लिए ऐतिहासिक और गर्व का क्षण रही। 'विकसित भारत २०४७' के लक्ष्य में साक्षरता अहम मानी गई है। इस अभियान के तहत त्रिपुरा में २३,१८४ निरक्षर वयस्कों को शिक्षित किया गया। शिक्षा मंत्रालय ने निरंतर सीखने, डिजिटल साक्षरता और कौशल विकास को बढ़ावा देने की अपील की।
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