1840 के दशक में कोशिका के अंदर मौजूद संरचनाओं का पहला अवलोकन किया गया था, जो संभवतः माइटोकॉन्ड्रिया थे। 1890 में रिचर्ड ऑल्टमैन ने इन्हें कोशिका अंगक के रूप में स्थापित किया और "बायोब्लास्ट्स" नाम दिया। 1898 में जर्मन सूक्ष्मजीवविज्ञानी कार्ल बेंडा ने इन्हें "माइटोकॉन्ड्रिया" नाम दिया।
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