1890 के दशक में जब मोहनदास करमचंद गांधी एक युवा वकील के रूप में दक्षिण अफ्रीका में कानून का अभ्यास कर रहे थे, तब उन्हें नस्लीय भेदभाव और अन्य अन्यायों का सामना करना पड़ा। इसी दौरान उन्होंने अहिंसा पर आधारित सत्याग्रह का विचार विकसित किया, जिससे बाद में उन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाई। इस समय गांधी पर सबसे गहरा प्रभाव रूसी लेखक लियो टॉल्सटॉय के विचारों और उनके जीवन के उदाहरण का पड़ा। अपने जीवन के अंतिम वर्ष में टॉल्सटॉय गांधी के लिए अहिंसा के मार्गदर्शक बने। उनकी पुस्तक "द किंगडम ऑफ गॉड इज़ विदिन यू" के माध्यम से टॉल्सटॉय ने गांधी को सीधे प्रभावित किया, जिसका प्रभाव आज भी अहिंसक प्रतिरोध आंदोलनों पर देखा जा सकता है।
This Question is Also Available in:
English