अरस्तू ने अपनी पुस्तक 'पॉलिटिक्स' में कहा था: “मनुष्य स्वभाव से एक सामाजिक प्राणी है; जो व्यक्ति स्वाभाविक रूप से असामाजिक है और यह आकस्मिक नहीं है, वह या तो हमारी दृष्टि से परे है या मानव से अधिक है।” उनके अनुसार समाज व्यक्ति से पहले आता है।
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