12 वर्षों के बाद पुष्कर कुंभ मेला 15 मई 2025 को उत्तराखंड के माणा गाँव स्थित केशव प्रयाग में शुरू हुआ। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। यह मेला अलकनंदा और सरस्वती नदियों के पवित्र संगम पर आयोजित होता है, जहाँ विशेष रूप से दक्षिण भारत से आने वाले वैष्णव भक्त बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। यह मेला उस समय मनाया जाता है जब बृहस्पति मिथुन राशि में प्रवेश करता है, जिसे आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का दुर्लभ ज्योतिषीय योग माना जाता है। माणा गाँव ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यही वह स्थान है जहाँ महर्षि वेदव्यास ने निवास किया था और संत रामानुजाचार्य व मध्वाचार्य को दिव्य ज्ञान की प्राप्ति यहीं हुई थी। उत्तराखंड सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पैदल मार्ग बेहतर बनाए हैं, द्विभाषी संकेतक लगाए हैं और पुलिस व राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें तैनात की हैं। अन्य बड़े कुंभ मेलों की तुलना में यह मेला शांत और व्यक्तिगत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है। यह उत्तर और दक्षिण भारत के आध्यात्मिक संबंधों को मजबूत करता है और 26 मई 2025 तक जारी रहेगा।
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