गवर्नर जनरल / वायसराय
भारत सरकार अधिनियम 1935 की धारा 104 के अनुसार गवर्नर जनरल / वायसराय को अवशिष्ट मामलों पर निर्णय लेने का एकमात्र अधिकार था। इसलिए अधिनियम के तहत स्थापित संघ में अवशिष्ट शक्तियाँ गवर्नर जनरल / वायसराय को सौंपी गई थीं।
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