2011 की जनगणना के अस्थायी नतीजों के अनुसार भारत में बाल लिंगानुपात घटकर 1,000 लड़कों पर 919 लड़कियां रह गया है, जो स्वतंत्रता के बाद सबसे कम है. यह समाज में लड़कों की प्राथमिकता को दर्शाता है. हालांकि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, मिजोरम और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में बाल लिंगानुपात (0-6 वर्ष) में सुधार देखा गया है, लेकिन बाकी 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में 2001 की जनगणना की तुलना में इसमें गिरावट आई है.
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