भारत में E-Hansa नाम का एक अगली पीढ़ी का दो-सीटर इलेक्ट्रिक ट्रेनर विमान विकसित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। इसे बेंगलुरु स्थित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद–राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (CSIR–NAL) द्वारा स्वदेशी रूप से तैयार किया जा रहा है। यह आयातित ट्रेनर विमानों की तुलना में लगभग आधी लागत में उपलब्ध होगा, जिससे यह पायलट प्रशिक्षण के लिए किफायती विकल्प बनता है। E-Hansa, HANSA-3 (नेक्स्ट जेनरेशन) कार्यक्रम का हिस्सा है, जो किफायती और स्थानीय विमानन प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है।
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