बिरसा मुंडा जनजातीय नेता और लोक नायक थे। वे मुंडा जाति से थे। आज के समय में रांची और सिंहभूम के आदिवासी उन्हें 'बिरसा भगवान' के रूप में याद करते हैं। बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ मुंडा जनजाति को संगठित कर यह सम्मान अर्जित किया। 19वीं शताब्दी में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में वे एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुए। 1900 में हैजा से उनकी मृत्यु हो गई और मुंडा विद्रोह कमजोर पड़ गया।
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